KYA ISLAM TALWAR KE ZOR SE FAILA HAI?


क्या इस्लाम तलवार के ज़ोर से फैला है?
प्रश्नः यह कैसे संभव है कि इस्लाम को शांति का धर्म माना जाए क्योंकि यह तो तलवार (युद्ध और रक्तपात) के द्वारा फैला है?
उत्तरः अधिकांश ग़ैर मुस्लिमों की एक आम शिकायत है कि यदि इस्लाम ताकष्त के इस्तेमाल से न फैला होता तो इस समय उनके अनुयायियों की संख्या इतनी अधिक (अरबों में) हरगिज़ नहीं होती। आगे दर्ज किये जा रहे तथ्य यह स्पष्ट करेंगे कि इस्लाम के तेज़ी से विश्वव्यापी फैलाव में तलवार की शक्ति नहीं वरन् उसकी सत्यता तथा बुद्धि और विवेकपूर्ण तार्किक प्रमाण इसके मुख्य कारण है।
इस्लाम का अर्थ है ‘शांति’ अरबी भाषा में इस्लाम शब्द ‘सलाम’ से बना है जिसका अर्थ है, सलामती और शांति। इस्लाम का एक अन्य अर्थ है कि अपनी इच्छा और इरादों को ईश्वर (अल्लाह) के आधीन कर दिया जाए। अर्थात इस्लाम शांति का धर्म है और यह शांति (सुख संतोष और सुरक्षा) तभी प्राप्त हो सकती है जब मनुष्य अपने आस्तित्व, इच्छाओं ओर आकांक्षाओं को ईश्वर के आधीन कर दे अर्थात स्वंय को पूरी तरह समर्पित कर दे। कभी-कभार शांति बनाए रखने के लिए बल प्रयोग करना पड़ता है
इस संसार का प्रत्येक व्यक्ति शांति और एकता स्थापित रखने के पक्ष में नहीं है। ऐसे अनेकों लोग हैं जो अपने निहित अथवा प्रत्यक्ष स्वार्थों की पूर्ति के लिए शांति व्यवस्था में व्यावधान उत्पन्न करते रहते हैं, अतः कुछ अवसरों पर बल प्रयोग करना पड़ता है। यही कारण है कि प्रत्येक देश में पुलिस विभाग होता है जो अपराधियों और समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध शक्ति का प्रयोग करता है ताकि देश में शांति व्यवस्था बनी रहे। इस्लाम शांति का सन्देश देता है। इसी के साथ वह हमें यह शिक्षा भी देता है कि अन्याय के विरुद्ध लड़ें। अतः कुछ अवसरों पर अन्याय और अराजकता के विरुद्ध बल प्रयोग आवश्यक हो जाता है। विदित हो कि इस्लाम में शक्ति का प्रयोग केवल और केवल शांति तथा न्याय की स्थापना एवं विकास के लिए ही किया जा सकता है।
इतिहासकार लेसी ओलेरी की राय
इस्लाम तलवार के ज़ोर से फैला, इस सामान्य भ्रांति का सटीक जवाब प्रसिद्ध इतिहासकार लेसी ओलेरी ने अपनी विख्यात पुस्तक ‘‘इस्लाम ऐट दि क्रास रोड’’ पृष्ठ 8) में इस प्रकार दिया है।
‘‘इतिहास से सिद्ध होता है कि लड़ाकू मुसलमानों के समस्त विश्व में फैलने और विजित जातियों को तलवार के ज़ोर पर इस्लाम में प्रविष्ट करने की कपोल-कल्पित कहानी उन मनगढ़ंत दंतकथाओं में से एक है जिन्हें इतिहासकार सदैव से दोहराते आ रहे हैं।’’
मुसलमानों ने स्पेन पर 800 वर्षों तक शासन किया
स्पेन पर मुसलमानों का 800 वर्षों तक एकछत्र शासन रहा है परन्तु स्पेन में मुसलमानों ने वहाँ के लोगों का धर्म परिवर्तन अर्थात मुसलमान बनाने के लिए कभी तलवार का उपयोग नही किया। बाद में सलीबी ईसाईयों ने स्पेन पर कष्ब्ज़ा कर लिया और मुसलमानों को वहाँ से निकाल बाहर किया, तब यह स्थिति थी कि स्पेन में किसी एक मुसलमान को भी यह अनुमति नहीं थी कि वह आज़ादी से अज़ान ही दे सकता।
एक करोड़ 40 लाख अरब आज भी कोपटिक ईसाई हैं
मुसलमान विगत् 1400 वर्षों से अरब के शासक रहे हैं। बीच के कुछ वर्ष ऐसे हैं जब वहाँ फ्ऱांसीसी अधिकार रहा परन्तु कुल मिलाकर अरब की धरती पर मुसलमान 14 शताब्दियों से शासन कर रहे हैं। इसके बावजूद वहाँ एक करोड़ 40 लाख कोपटिक क्रिश्चियन हैं, अर्थात वह ईसाई जो पीढ़ी दर पीढ़ी वहाँ रहते चले आ रहे हैं। यदि मुसलमानों ने तलवार इस्तेमाल की होती तो उस क्षेत्र में कोई एक अरबवासी भी ऐसा नहीं होता जो ईसाई रह जाता।
भारत में 80 प्रतिशत से अधिक ग़ैर मुस्लिम हैं
भारत में मुसलमानों ने लगभग 1000 वर्षों तक शासन किया है। यदि वे चाहते, और उनके पास इतनी शक्ति थी कि भारत में बसने वाले प्रत्येक ग़ैर मुस्लिम को (तलवार के ज़ोर पर) इस्लाम स्वीकार करने पर विवश कर सकते थे। आज भारत में 80 प्रतिशत से अधिक ग़ैर मुस्लिम हैं। इतनी बड़ी गै़र मुस्लिम जनसंख्या यह स्पष्ट गवाही दे रही है कि उपमहाद्वीप में इस्लाम तलवार के ज़ोर पर हरगिज़ नहीं फैला।
इंडोनेशिया और मलेशिया
जनसंख्या के आधार पर इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा इस्लामी देश है। मलेशिया में भी मुसलमान बहुसंख्यक हैं। यह पूछा जासकता है कि वह कौन सी सेना थी जिसने (सशस्त्र होकर) इंडोनेशिया और मलेशिया पर आक्रमण किया था और वहाँ इस्लाम फैलाने के लिए मुसलमानों की कौन सी युद्ध शक्ति का इसमें हाथ है?
अफ्ऱीकष का पूर्वी समुद्र तट
इसी प्रकार अफ्ऱीकी महाद्वीप के पूर्वी समुद्रतट के क्षेत्र के साथ-साथ इस्लाम का तीव्रगति से विस्तार हुआ है। एक बार फिर वही प्रश्न सामाने आता है कि यदि इस्लाम तलवार के ज़ोर से फैला है तो आपत्ति करने वाले इतिहास का तर्क देकर बताएं कि किस देश की मुसलमान सेना उन क्षेत्रों को जीतने और वहाँ के लोगों को मुसलमान बनाने गई थी?
थामस कारलायल
प्रसिद्ध इतिहासकार थामस कारलायल अपनी पुस्तक ‘‘हीरोज़ एण्ड हीरो वर्शिप’’ में इस्लाम फैलने के विषय में भ्रांति का समाधान करते हुए लिखता हैः
‘‘तलवार तो है, परन्तु आप तलवार लेकर वहाँ जाएंगे? प्रत्येक नई राय की शुरूआत अल्पमत में होती है। (आरंभ में) केवल एक व्यक्ति के मस्तिष्क में होती है, यह सोच वहीं से पनपती है। इस विश्व का केवल एक व्यक्ति जो इस बात पर विश्वास रखता है, केवल एक व्यक्ति जो शेष समस्त व्यक्तियों के सामने होता है, फिर (यदि) वह तलवार उठा ले और (अपनी बात) का प्रचार करने का प्रयास करने लगे तो वह थोड़ी सी सफलता ही पा सकेगा। आप के पास अपनी तलवार अवश्य होनी चाहिए परन्तु कुल मिलाकर कोई वस्तु उतना ही फैलेगी जितना वह अपने तौर पर फैल सकती है।’’
दीन (इस्लाम) में कोई ज़बरदस्ती नहीं
इस्लाम किस तलवार द्वारा फैला? यदि मुसलमानों के पास यह तलवार होती और उन्होंने इस्लाम फैलाने के लिये उसका प्रयोग किया भी होता तब भी वे उसका प्रयोग नहीं करते क्योंकि पवित्र क़ुरआन का स्पष्ट आदेश हैः
‘‘दीन के बारे में कोई ज़बरदस्ती नहीं है, सही बात ग़लत बात से छाँटकर रख दी गई है।’’ (पवित्र क़ुरआन, 2:256)
ज्ञान, बुद्धि और तर्क की तलवार
वास्तविकता यह है कि जिस तलवार ने इस्लाम को फैलाया, वह ज्ञान, बुद्धि और तर्क की तलवार है। यही वह तलवार है जो मनुष्य के हृदय और मस्तिष्क को विजित करती है। पवित्र कुरआन के सूरह ‘अन्-नह्ल’ में अल्लाह का फ़रमान हैः
‘‘हे नबी! अपने रब के रास्ते की तरफ़ दावत दो, ज्ञान और अच्छे उपदेश के साथ लोगों से तर्क-वितर्क करो, ऐसे ढंग से जो बेहतरीन हो। तुम्हारा रब ही अधिक बेहतर जानता है कि कौन राह से भटका हुआ है और कौन सीधे रास्ते पर है।’’ (पवित्र क़ुरआन, 16:125)
इस्लाम 1934 से 1984 के बीच
विश्व में सर्वाधिक फैलने वाला धर्म रीडर्स डायजेस्ट, विशेषांक 1984 में प्रकाशित एक लेख में विश्व के प्रमुख धर्मों में फैलाव के आंकड़े दिये गये हैं जो 1934 से 1984 तक के 50 वर्षों का ब्योरा देते हैं। इसके पश्चात यह लेख ‘दि प्लेन ट्रुथ’’ नामक पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ। इस आकलन में इस्लाम सर्वोपरि था जो 50 वर्षों में 235 प्रतिशत बढ़ा था। जबकि ईसाई धर्म का विस्तार केवल 47 प्रतिशत रहा। क्या यह पूछा जा सकता है कि इस शताब्दी में कौन सा युद्ध हुआ था जिसने करोड़ों लोगों को धर्म परिवर्तन पर बाध्य कर दिया?
इस्लाम यूरोप और अमरीका में सबसे अधिक तेज़ी से फैलने वाला धर्म है इस समय इस्लाम अमरीका में सबसे अधिक तेज़ी से फैलने वाला धर्म है। इसी प्रकार यूरोप में भी तेज़ गति से फैलने वाला धर्म भी इस्लाम ही है। क्या आप बता सकते हैं कि वह कौन सी तलवार है जो पश्चिम के लोगोें को इस्लाम स्वीकार करने पर विवश कर रही है।
डा. पीटर्सन का मत डा. जोज़फ़ एडम पीटर्सन ने बिल्कुल ठीक कहा है किः
‘‘जो लोग इस बात से भयभीत हैं कि ऐटमी हथियार एक न एक दिन अरबों के हाथों में चले जाएंगे, वे यह समझ पाने में असमर्थ हैं कि इस्लामी बम तो गिराया जा चुका है, यह बम तो उसी दिन गिरा दिया गया था जिस दिन मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म हुआ था।’’

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