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ISLAM MANWTA KE LIYE SANDESH PARK 2

इस्लाम – मानवता के लिए सन्देश : पार्ट-२
*१). पहली अनिर्वाय आस्था – तौहीद:
– अब आईये सबसे पहली जो आस्था है तौहिद इसको हम आपके सामने रखते है जो मानवों के बताने के लिए इश्वर (अल्लाह) ने हर समय, हर समुदाय, हर जाती के अंदर प्रेषित (नबी, इश्दुत) भेजे ताकि मानवों को बता दे और उनका रिश्ता श्रुष्टि के रचियेता एक इश्वर से जोड़ दे|

*तो तौहिद का अर्थ होता है और ये बोहोत महत्वपूर्ण है इस्लाम के मूल आस्थाओ में से के –
अल्लाह को एक सत्य इश्वर माने , उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करे और उसी की आराधना, उपासना और पूजा करे,.. क्युंकी वो निराकार एक सत्य इश्वर अल्लाह ही है जिसने सारे जगत का निर्माण किया, वही उसका रचियेता , मालिक और उसका रब है |

– और क्यूंकि उसने इन सबकी रचना की तो ये जरुरी है हम पर के उसी इश्वर की आराधना उपासना और पूजा करे जिसने ये सब मानवों के लिए बनाया है |

*और इसी सन्देश को लेकर इशदूत आये और यही बात एक सत्य इश्वर अल्लाह की बड़े-बड़े ऋषियों ने मुनियों ने, ज्ञानियों ने और जो कोई धर्म का ज्ञान रखता है वो इसके बारे में आपको बताएँगे के इस आस्था की क्या अहमियत है |
– और ऐसे कई प्रेषित आये जिन्होंने ये बाते लोगों को बताई !! और इश्वर के अंतिम प्रेषित मोहम्मद (सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम) इनकी पूरी ज़िन्दगी का सन्देश भी तौहीद (एकेश्वरवाद) ही था |

*एक बार प्रेषित मोहम्मद (सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम) के पास कुछ लोग आये और कहा के –
“हे प्रेषित ! तुम जिस अल्लाह की तरफ लोगों को बुलाते हो; हमे थोडा बताओ तो सही वो कैसा है ?”
*तो प्रेषित मोहम्मद(स०) अपने दिल से कोई बात ना कहते उनपर एक इशवाणी(श्लोक/Verse) आई
और वो यह थी जो के कुरआन का अध्याय ११२ और उसके श्लोक १ से ४ अवतरण हुए और उसमे कहा:
१. (हे प्रेषित तुम कहो उन लोगों से जो प्रश्न करते है मेरे बारे) कहो ! वो अल्लाह एक है ,..
२. वो निरपेक्ष है (उसने पुरे विश्व का निर्माण किया लेकिन उसे किसी भी चीज़ की गरज नहीं है) ,..
३. उसको कोइ संतान नहीं है और ना ही वो किसी की संतान है ,..
४. और उस सत्य इश्वर अल्लाह जैसा दूसरा कोई नहीं है |

– मतलब पहले श्लोक में कहा के वो इश्वर एक है और आखरी श्लोक में कहा के उसके जैसा दूसरा नहीं है|
इसे कहते है Oneness & Uniqueness of Almighty God ,..

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इस्लाम – मानवता के लिए सन्देश : पार्ट-१
# इस्लाम क्या है ?
– इस्लाम धर्म एक ऐसा धर्म है जिसके बारे में खुद मुसलमानों को और गैरमुसलमानो को सबसे ज्यादा गलत धारनाए और गलतफेहमिया (Misconceptions) है |||

जब की इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, इसका अर्थ ये हुआ के २०% या उस से ज्यादा दुनिया की लोकसंख्या वो मुस्लिम है… इसका अर्थ ये हुआ के हर ५ व्यक्ति में से एक व्यक्ति मुस्लिम है ,…

*तो आईये देखते है के इस्लाम की मूल आस्था क्या है ?
– इस्लाम ये अरबी भाषा का शब्द है जो अरबी भाषा के शब्द “सलाम” और “सिल्म” से आता है |
जिसका अर्थ होता है (सलाम का अर्थ होता है शांति) और सिल्म का अर्थ होता है “एक इश्वर अल्लाह के सामने बिना किसी शर्त के नतमस्तक हो जाना, झुक जाना” |

• तो इस्लाम का अर्थ होता है “शांति जो मानव प्राप्त करता है एक सत्य इश्वर के सामने नतमस्तक होकर बिना किसी शर्त के” |
और जो कोई व्यक्ति बिना किसी शर्त के एक सत्य इश्वर के सामने नतमस्तक हो जाता है ऐसे व्यक्ति को अरबी भाषा में “मुस्लिम” कहते है | जिसका अर्थ होता है इस्लाम को माननेवाला और इस्लाम पर चलने वाला |

– अब आईये इस्लाम का मानवता के लिए क्या सन्देश है उनमे से सिर्फ ३ सन्देश आपके सामने रखने की हम कोशिश करेंगे |
जिसको मानना अनिर्वाय (Compulsory) है |

१) तौहिद – का अर्थ होता है एकेश्वरवाद| एक इश्वर में आस्था रखना|
२) रिसालत – का अर्थ होता है प्रेशित्वाद| इशदुत, नबी, Messengers.
३) आखिरत – अर्थ होता है परलोकवाद| मृत्यु के बाद का जीवन|