सवाल: मुसलमान इस्लाम को अमन व सलामती का धर्म कैसे कह सकते हैं? जबकि इस्लाम तलवार के ज़ोर पर फैला है।
जवाब: इस्लाम तलवार के ज़ोर पर नहीं फैला बल्कि अपनी विश्वव्यापी सच्चाई और बौद्धिक तर्कों की वजह से इसे तरक़्क़ी व प्रसार मिला है।
इस्लाम शब्द "सलाम" से निकला है जिसका मतलब है "अमन व सलामती"। इसके ये मतलब भी हैं कि अपने आपको अल्लाह की रज़ा के सामने पेश कर दिया जाए। इस्लाम अमन व सलामती का मज़हब है जो अल्लाह की मर्ज़ी के सामने सर झुका देने से हासिल होता है। दुनिया में मौजूद हर इंसान अमन व सलामती क़ायम करने के हक़ में नहीं होता, या ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो खुद के फ़ायदों के लिए कभी कभी ताक़त का इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए अपराधों पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस का विभाग क़ायम किया गया है जो मुजरिमों और ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ ताक़त का इस्तेमाल करती है ताकि समाज में अमन व अमान क़ायम रह सके। इस्लाम अमन का इच्छुक है लेकिन अपने मानने वालों को ज़ुल्म व ज़्यादती के ख़िलाफ़ लड़ने का हुक्म देता है। कभी कभी ज़ुल्म के ख़ात्मे के लिए ताक़त की भी जरूरत पड़ती है जिसकी इजाज़त इस्लाम देता है और इसका सुबूत हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके खलीफ़ा (खुलफ़ा-ए-राशिदीन) के दौर से मिलता है।
इस ग़लत इल्ज़ाम का जवाब कि इस्लाम तलवार के ज़ोर पर फैला एक अँग्रेज़ इतिहासकार डी. लेसी ओलेरी ने अपनी किताब Islam at the cross Road के पेज 8 में दिया है:
"इतिहास से यह हक़ीक़त स्पष्ट है कि इस्लाम के मुताल्लिक परंपरागत भेदभाव पर आधारित कहानियां कि इस्लाम तलवार से फैला और इसके ज़रिये जुनूनी मुसलमान दुनिया पर छा गए, नामाक़ूल और गलत क़िस्म के अफ़साने हैं, जिन्हें इतिहासकारों ने बार-बार दोहराया है।"
मुसलमानों ने स्पेन पर तक़रीबन आठ सौ साल हुक़ूमत की और वहां के लोगों को मुसलमान करने के लिए तलवार का इस्तेमाल नहीं किया। बाद में जब ईसाई सत्ता में आये तो उन्होंने वहां मुसलमानों का सफ़ाया कर दिया और स्पेन में कोई भी मुसलमान ऐसा न रहा जो आज़ादी से अज़ान भी दे सके। अरब के इलाके पर मुसलमान पिछले चौदह सौ साल से शासन करते चले आ रहे हैं, इसके बावजूद आज भी एक करोड़ चालीस लाख अरब ऐसे हैं जो नस्लों से ईसाई हैं। मिसाल के तौर पर मिस्र के किबती ईसाई वग़ैरह। अगर इस्लाम तलवार के ज़रिए फैला होता तो अरब में एक भी ईसाई न होता। हिन्दुस्तान पर मुसलमानों ने लगभग एक हज़ार साल हुक़ूमत की। अगर वे चाहते तो तलवार के ज़ोर पर हर ग़ैर-मुस्लिम को मुसलमान बना लेते, मगर आज भारत में अस्सी प्रतिशत आबादी ग़ैर-मुस्लिमों की है। क्या ये तमाम ग़ैर-मुस्लिम इस बात का सुबूत नहीं हैं कि इस्लाम तलवार के ज़ोर पर नहीं फैला। पूरी दुनिया में इंडोनेशिया में मुसलमानों की संख्या सबसे ज़्यादा है और मलेशिया में भी मुसलमान बहुसंख्यक में हैं। अब मैं पूछ सकता हूँ कि कौन सी इस्लामी फौज इंडोनेशिया और मलेशिया में गयी थी? इसी तरह इस्लाम बड़ी तेज़ी से अफ़्रीकी महाद्वीप के पूर्वी भाग में फैला। क्या ग़ैर-मुस्लिम इतिहासकार यह बता सकते हैं कि अफ्रीका के पूर्वी भाग पर कौन सी इस्लामी फौज गयी? मशहूर इतिहासकार थॉमस कार लाईल अपनी किताब "हीरो एंड हीरो वर्शिप" के अंदर इस्लाम के फैलने के बारे में इन पश्चिमी नज़रियों को रद्द करते हुए लिखते हैं:
"इस्लाम को फ़ैलाने में तलवार इस्तेमाल की गई मगर यह तलवार कौन सी थी, वह एक नज़रिया था और हर नया नज़रिया शुरू में किसी एक इंसान के दिमाग में जन्म लेता है और वहां फलता-फूलता है और उस नज़रिये पर दुनिया में सिर्फ़ एक इंसान यक़ीन रखता है, यानी एक इंसान वैचारिक तौर पर तमाम इंसानों से भिन्न होता है। अगर वह शख़्स हाथ में तलवार लेकर उस नज़रिये को फैलाने की कोशिश करे तो यह कोशिश बेफायदा रहेगी, लेकिन अगर नज़रिये की तलवार सक्रिय रहे तो वह नज़रिया दुनिया के अंदर अपनी क़ुव्वत से खुद-बख़ुद ही फैल जाएगा।"
ऐसा कहना गलत है कि इस्लाम तलवार के ज़ोर पर फैला है। अगर मुसलमान ऐसा करना भी चाहते तो नहीं कर सकते थे, क्योंकि क़ुरआन में अल्लाह तआला ने कहा है:
अनुवाद: "दीन (धर्म) में कोई जबर नहीं, हिदायत गुमराही से वाज़ेह (अलग) हो चुकी है।" (सुर: 2, आयात 256)
इस्लाम असल में हिक़्मत की तलवार से फैला है और यह एक ऐसी तलवार है जो दिल व दिमाग़ को फ़तह कर लेती है। जैसा कि क़ुरआन में अल्लाह तआला ने कहा है:
अनुवाद: "लोगों को अपने रब के रास्ते की तरफ हिक़्मत और बेहतरीन नसीहत के साथ बुलाओ और उनसे बेहतरीन तरीके से बहस (बात-चीत) करो।" (सुर: 16 आयत 125)
1986 ई. में रीडर्ज़ डाईजिस्ट में एक लेख 1934 ई. से लेकर 1964 ई. तक पचास साल में दुनिया के बड़े-बड़े धर्मों के मानने वालों की संख्या में इज़ाफ़े के आँकड़े बयान किये गए थे। यही लेख The Plain Truth नाम के पत्रिका में भी छपा था। उसमें सब से ऊपर इस्लाम था जिसके मानने वालों की संख्या में 235 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई और ईसाईयत में सिर्फ़ 47 प्रतिशत। क्या मैं यह पूछ सकता हूँ कि इस सदी में कौन सी धार्मिक युद्ध लड़े गए जिसकी वजह से लाखों लोग मुसलमान हुए। आज की तारीख़ में अमेरिका में सबसे ज़्यादा फैलने वाला धर्म इस्लाम ही है। वह कौन सी तलवार है जिससे लोग इतनी बड़ी संख्या में मुसलमान होने पर मजबूर हो रहे हैं? यह तलवार इस्लाम की सच्ची तालीम ही है।
डॉक्टर जोज़फ़ आदम पीटरसन ने सही कहा है कि:
"जो लोग इसलिए चिंतित हैं कि एटमी हथियार एक दिन अरब वालों के हाथ लग जाएंगे, वे यह नहीं जानते कि इस्लामी बम तो बहुत पहले ही गिराया जा चुका है और यह उस वक़्त गिरा था जब हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए थे।"