MOHAMMAD ( S.A.W ) AUR ved

🌷PART 2 🌷
بسم الله الرحمن الرحيم 🌹
मुहम्मद (सल्ल.) और वेद

वेदों में नराशंस या मुहम्मद (सल्ल.) के आने की भविष्यवाणियां कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, बल्कि धार्मिक ग्रन्थों में ईशदूतों (पैग़म्बरों) के आगमन की पूर्व सूचना मिलती रही है। यह ज़रूर चमत्कारिक बात है कि हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आने की भविष्यवाणी जितनी अधिक धार्मिक ग्रन्थों में की गई है उतनी किसी अन्य पैग़म्बर के बारे में नहीं की गई। ईसाइयों, यहूदियों और बौद्धों के धार्मिक ग्रन्थों में हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के अन्तिम ईशदूत के रूप में आगमन की भविष्यवाणियां की गई हैं।

वेदों का ‘नराशंस’ शब्द ‘नर’ और ‘आशंस’ दो शब्दों से मिल कर बना है। ‘नर’ का अर्थ मनुष्य होता है और ‘आशंस’ का अर्थ ‘प्रशंसित’। सायण ने ‘नराशंस’ का अर्थ ‘मनुष्यों द्वारा प्रशंसित’ बताया है।1 यह शब्द कर्मधारय समास है, जिसका विच्छेद ‘नरश्चासौआशंसः’ अर्थात प्रशंसित मनुष्य होगा। डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय कहते हैं कि “इसी लिए इस शब्द से किसी देवता को भी न समझना चाहिए। ‘नराशंस’ शब्द स्वतः ही इस बात को स्पष्ट कर
1. नराशंस : यो नरै : प्रशस्यते। (सायण भाष्य, ऋगवेद संहिता,5/5/2। मूल मंत्र इस प्रकार है—“नराशंसः सुषूदतीमं यज्ञमदाभ्यः। कविर्हि मधुहस्त्य।” “नराशंस” शब्द का अर्थ स्वामी दयानन्द सलस्वती ने भी मनुष्यों द्वारा प्रशंसित बताया है।               (ऋगवेद हिन्दी भाष्य, पृ. 25, प्रकाशक : सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा)

देता है कि प्रशंसित शब्द जिसका विशेषण है, वह मनुष्य है। यदि कोई ‘नर’ शब्द को देववाचक माने तो उसके समाधान में इतना स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि ‘नर’ शब्द न तो देवता का पर्यायवाची शब्द ही है और न तो देवयोनियों के अन्तर्गत कोई विशेष जाति।”2
‘नर’ शब्द का अर्थ मनुष्य होता है, क्योंकि ‘नर’ शब्द मनुष्य के पर्यायवाची शब्दों में से एक है। ‘नराशंस’ की तरह ‘मुहम्मद’ शब्द का अर्थ ‘प्रशंसित’ होता है। ‘मुहम्मद’ शब्द ‘हम्द’ धातू से बना है, जिसका अर्थ प्रशंसा करना होता है। ऋगवेद में ‘कीरि’ नाम आया है, जिसका अर्थ है ईश्वर प्रशंसक। अहमद शब्द का भी यही अर्थ है। अहमद, मुहम्मद साहब का एक नाम है।1
वेदों में ऋगवेद सबसे पुराना है। उसमें ‘नराशंस’ शब्द से शुरु होने वाले आठ मंत्र हैं। ऋगवेद के प्रथममंडल, 13वें सूक्त, तीसरे मंत्र और 18वें सूक्त, 9वें मंत्र तथा 106वें सूक्त, चौथे मंत्र में ‘नराशंस’ का वर्णन आया है। ऋगवेद के द्वितीय मंडल के तीसरे सूक्त, दूसरे मंत्र, 5वें मंडल के पांचवें सूक्त, दूसरे मंत्र, सातवें मंडल के दूसरे सूक्त, दूसरे मंत्र, 10वें मंडल के 64वें सूक्त, तीसरे मंत्र और 142वें

2.‘नराशंस और अन्तिम ऋषि’, पृ. 5।
1.पं. रविन्द्रनाथ त्रिपाठी ‘कान्ति’ के 28 अक्तूबर—4 नवंबर 1990 के अंक में। ऋगवेद का मूल श्लोक यह है—यो रघ्रस्योचोदितायः कृशस्य यो ब्रह्मणो नाधमानस्य कीरेः।।                   (ऋगवेद, 2/12/6)
सूक्त, दूसरे मंत्र में भी ‘नराशंस’ विषयक वर्णन आए हैं। सामवेद संहिता के 1319वें मंत्र में और वाजसनेयी संहिता के 28वें अध्याय के 27वें मंत्र में भी ‘नराशंस’ के बारे में ज़िक्र आया है। तैत्तिरीय आरण्यक और शतपथ ब्राह्मण ग्रन्थों के अलावा यजुर्वेद, सामवेद और अथर्वेद में भी ‘नराशंस’ का उल्लेख किया गया है।
‘नराशंस’ की चारित्रिक विश्षताओं की
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) से साम्यता
वेदों में ‘नराशंस’ की स्तुति किए जाने का उल्लेख है। वैसे ऋगवेद काल या कृतयुग में यज्ञों के दौरान ‘नराशंस’ का आह्वान किया जाता था। इसके लिए ‘प्रिय’ शब्द का इस्तेमाल होता था। ‘नराशंस’ की चारित्रिक विशेषताओं की हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) से तुलना इस प्रकार है—

वेदों में ‘नराशंस’ की स्तुति किए जाने का उल्लेख है। वैसे ऋगवेद काल या कृतयुग में यज्ञों के दौरान ‘नराशंस’ का आह्वान किया जाता था। इसके लिए ‘प्रिय’ शब्द का इस्तेमाल होता था। ‘नराशंस’ की चारित्रिक विशेषताओं की हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) से तुलना इस प्रकार है—
1.वाणी में मधुरता
ऋगवेद में ‘नराशंस’ को ‘मधुजिव्ह’ कहा गया है2, यानि उसमें वाणी की मधुरता होगी। मधुर-भाषिता उसके व्यक्तित्व की ख़ास पहचान होगी। सभी जानते हैं कि मुहम्मद (सल्ल.) की वाणी में काफ़ी मिठास थी।
2.नराशंस मिहप्रियम स्मिन्यज्ञ उपहव्ये। मधुजिह्वं हविष्कृतम्।              (ऋगवेद संहिता 1/13/3)
3.अप्रत्यक्ष ज्ञान रखनेवाला
‘नराशंस’ को अप्रत्यक्ष ज्ञान रखनेवाला बताया गया है। इस ज्ञान को रखनेवाला कवि भी कहलाता है। ऋगवेद संहिता से ‘नराशंस’ को कवि बताया गया है।3 मुहम्मद (सल्ल.) को अल्लाह ने कुछ अवसरों पर परोक्ष बातों की जानकारी प्रदान की थी अतः पैग़म्बरे इस्लाम (सल्ल.) ने रूमियों और ईरानियों के युद्ध में रूमियों की हार और नव वर्ष के अन्दर ही रूमियों की होने वाली विजय की पूर्व जानकारी दी थी। नैनवा की लड़ाई में रूमियों की जीत 657 ई. में हुई थी।

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