NAP TOL MAIN DHOKHAGHDI


नाप तोल में धोखाधड़ी

तबाही है डंडी मारने वालों के लिए जिनका हाल यह है कि जब लोगों से लेते हैं तो पूरा-पूरा लेते हैं, और जब उनको नाप कर या तौल कर देते हैं तो उन्हें कम देते हैं।
   मुतफ्फिफीन  83: 1-3

और नाप तोल में इंसाफ  करो। जब बात कहो तो इंसाफ की कहो भले मामला रिश्तेदार ही का क्यों न हो ।
            अनआम  6: 153

हमने अपने रसूलों को साफ  साफ  निशानियों और हिदायत (मार्गदर्शन) के साथ भेजा और उनके साथ किताब और मिजान (तराजू, नाप तोल और इंसाफ  का स्तर, सच और झूठ का वह मियार जो तोल तोल कर बता देता है कि मानव जीवन व्यवस्था इंसाफ पर स्थापित रहे।) उतारा ताकि लोग इंसाफ  पर डटे (कायम) रहें ।
                                                              हदीद 57: 25
 
जमाखोरी और मुनाफाखोरी

बड़ी तबाही है उस आदमी के लिए जो लोगों पर ताने और उनकी बुराइयां करता है। जिसने माल जमा किया और उसे गिन गिन कर रखा। वह समझता है कि उसका माल हमेशा उसके पास रहेगा। हरगिज नहीं वह आदमी तो चकनाचूर करे देने वाली जगह में फेंक दिया जाएगा। और तुम क्या जानो चकनाचूर कर देने वाली जगह?  अल्लाह की आग खूब भड़काई हुई जो दिलों तक पहुंचेगी ।
                                          हु-म-जह 104: 1-7
और जो लोग सोने चांदी का खजाना रखते हैं। और अल्लाह की राह (रास्ते) में खर्च नहीं करते उन्हें दर्दनाक अजाब की खबर पहुंचा दीजिए।
                                             तौबा 9: 34
चोरी की सजा
और चोर, औरत हो या मर्द दोनों के हाथ काट दो यह उनकी कमाई का बदला है। और अल्लाह की तरफ  से सबक देने वाली सख्त सजा है।
      माइदा 5: 38

वही है जिसने तुमको जमीन का खलीफा बना दिया और  तुम में से कुछ लोगों के दर्जे कुछ लोगों की तुलना में ऊंचे रखे ताकि जो कुछ उसने तुमको दिया है उसमें तुम्हारी आजमाइश (परीक्षा) करे।
                                                 अनआम 6: 165

और एक दूसरे का माल ना हक न खाया करो, ना हाकिमों (अधिकारियों) को रिश्वत पहुंचा कर किसी का कुछ माल जुल्म व सितम से हड़प लिया करो।
                                                   बकर 2: 188
अगर तुम में से कोई व्यक्ति दूसरे पर भरोसा करके उसके साथ मामला करे तो जिस पर भरोसा किया गया है उसे चाहिए कि अमानत अदा करे और अपने रब से डरे और गवाही (शहादत) हरगिज न छिपाओ।
                                            बकर  2: 283
और जो कोई खयानत (उसके पास छोड़ा हुआ माल या वस्तु हड़प ले) करे तो वह अपनी खयानत समेत कयामत के दिन हाजिर हो जाएगा। हर व्यक्ति को उसकी कमाई का पूरा बदला मिल जाएगा।
                                         आले इमरान 3: 161

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