AAJ DO RASMO NE MUSLIM QAUM KI LADKIYO KA JINA HARAM KAR RAKHA

#सच_हमेशा_कडवा_होता_है

मेरे इस पोस्ट से कई लोगो को गुरेज होगा शायद मुझे गलत भी बोले । सबका अपना अपना नज़रिया होता है

आज दो रस्मों ने मुस्लिम कौम की लड़कियों का जीना हराम कर रखा है एक दहेज दूसरी जात बिरादरी आज कितनी ही पढ़ी लिखी दीनदार खूबसूरत लड़कियां इन दो रस्मो की वजह से घर में कुंवारी बैठी है उनकी उम्र ढल रही है या ढल चुकी है ना जाने कितनी

हमारी बहन बेटियां गुमराह होकर काफिरों के साथ भाग रही है और उन्होंने अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लिया है उनकी इस बर्बादी के जिम्मेदार उनके मां-बाप और हम लोग भी हैं  दहेज जैसी लानत को पूरा करने के लिए आज हमारी बहन बेटियां को घरों फैक्ट्रियों मैं गैर मर्दों के साथ काम करना पड़ रहा है और वह गैर मर्द उनकी उनकी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और उठाते भी हैं

इस दहेज की वजह से आज लड़की के मां-बाप अपना घर मकान जेवर गिरवी रखकर  महंगे सूद ब्याज पर पैसा उठा रहे हैं भीख मांग रहे हैं  दूसरों के सामने अपनी पगड़िया टोपियां  रख रहे हैं  सिर्फ दहेज की वजह से जिस लड़के की औकात गाड़ी में पेट्रोल डलवाने की ना हो उसे भी आज दहेज में फोर व्हीलर और टू व्हीलर चाहिए

दूसरी बीमारी है बिरादरी की अपने आप को दूसरे से ऊंचा समझना मैं खान हूं पठान हूं चौधरी हूं सैयद हूं सैफी हूं  अंसारी  हूं  फलाना ढिमकाना हूं जात बिरादरी के मामले में तो हम गैर कौम से भी आगे निकल गए हैं बिरादरी में काले कलूटे लंगड़े लूले बदसूरत शराबी से अपनी बहन बेटी का निकाह करने को तैयार है मगर गैर बिरादरी में दीनदार पढ़े-लिखे खूबसूरत लड़कों से शादी करने को तैयार नहीं भले ही लड़की किसी गैर कौम के साथ भाग जाए  या लड़का किसी गैर कौम की लड़की को भगा लाएं मगर हम गैर बिरादरी में शादी नहीं करेंगे क्योंकि गैर बिरादरी में शादी करने से हमारी नाक कट जाएगी लोग क्या कहेंगे  हमें इसकी परवाह है  मगर हमारा रब हमारा अल्लाह हमारे नबी क्या कहेंगे हमें इसकी कोई परवाह नहीं वाह रे ऊंची नाक वालों

यह सब और कुछ नहीं हमारे जाहिल पन की निशानियां है क्योंकि हमारा दूर-दूर तक कुरान  हदीस और दीन इस्लाम से कोई वास्ता नहीं हम अपने आलिमों की सुनते नहीं उनकी मानते नहीं जो मन में आया वह करते हैं कुरान क्या कह रहा है हदीस क्या कह रही है हमें इस से कोई मतलब नहीं अल्लाह का क्या हुक्म है हमारे नबी का क्या फरमान है

हम से कुछ लेना-देना नहीं हम तो बस अपने मन की करेंगे  जो हमारे बाप दादा करते आ रहे हैं वो करेंगे हम तो अपने बाप दादा का दीन मानेंगे अपने नबी का लाया हुआ दीन नहीं मानेंगे क्योंकि हम मुसलमान नहीं मुनाफिक  कपटी और बेईमान है हम कुरान की और हदीस की नहीं मानेंगे मेरे भाइयों अपने कौम की बहन बेटियों पर रहम खाओ तरस खाओ

उन्हें काफिरों के  हाथों का खिलौना बनने से बचाओ उनकी इज्जत आबरु की हिफाजत करो कलमे वाले और दीनदार भाइयों को अहमियत दे चाहे वह किसी भी जात बिरादरी या अमीर गरीब का बेटा बटी क्यों ना हो गैर बिरादरी में अपने बच्चों का निकाह करना कोई  गुनाह नहीं है ना ही कुरान हदीस आपको उसके लिए मना कर रही है अगर आपको

अपनी बिरादरी और खानदान है  कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल रहा  तो बिरादरी के पीछे अड़े ना रहे सही समय पर सही रिश्ता देखकर फौरन उसका निकाह कर दे अपनी बहन - बेटियों को दीन सिखाएं ताकि वह गुमराह होकर काफिरों के साथ ना जाए बिना दहेज

जात बिरादरी के निकाह करें और अपने प्यारे नबी हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों को जिंदा करें और अपनी कौम की तरक्की के हकदार बने ना कि मालो दौलत  जात बिरादरी के चक्कर में पड़कर अपनी दुनिया आखिरत को बर्बाद करके गुनाह और आजाब के हकदार न बने

No comments:

Post a Comment